Agriculture Success Story of Black Turmeric Cultivation Farmers किसान काली हल्दी की खेती से कमा रहे शानदार मुनाफा, जानिए क्या है उसकी उन्नत तकनीक : आज के समय में जहां कई किसान ऐसे ही जो अपनी पारंपरिक खेती (Traditional farming) से न होने वाले मुनाफे से परेशान होकर कुछ और काम की तरफ अपने कमद बढ़ा रहे हैं ! वहीं कुछ ऐसे भी किसान हैं जो खेती के उन्नत गुणों (Advanced Properties of Farming) को सीख कर खेती से ही सालाना लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं ! किसान की जीविका खेती पर ही निर्भर होती है !
Agriculture Success Story of Black Turmeric Cultivation Farmers : किसान काली हल्दी की खेती से कमा रहे शानदार मुनाफा, जानिए क्या है उसकी उन्नत तकनीक

Agriculture Success Story of Black Turmeric Cultivation Farmers
अगर किसान के पास जमीन थोड़ी हो, तो उनकी खेती कम होती और वो अपने परिवार का पालन पोषण सही तरीके से नहीं कर पाते हैं ! आज हम आपको कुछ ऐसे किसानों के सफलता के बारे में बताने जा रहे हैं, जो काली हल्दी की खेती (Black Turmeric Farming) के लाखों कमा रहे हैं ! काली हल्दी एक लम्बा जड़दार सदाबहार पौधा है, जिसकी उंचाई लगभग 1.0 से 1.5 सेंटीमीटर तक होती है ! इस पौधे की जड़ नीली और काली रंग की होती है ! साथ ही इसका वानस्पतिक नाम कुरकुमा केसिया (Kurkuma Cassia) है ! काली हल्दी की फसल लगभग 9 महीने में पककर तैयार होती है !
काली हल्दी की खेती से कमाएं लाखों रुपये | Agriculture Success Story
इसके अंदर कई तरह के गुण जैसे एंटी-बैक्टीरियल (Anti-bacterial) और एंटीफंगल गुण (antifungal properties) पाए जाते हैं ! साथ ही बताया जाता है कि ये दिमाग और दिल के भी एक टॉनिक का काम करती है ! इसकी गांठें कई बीमारियों को ठीक करने का काम करती हैं ! बता दें कि इसका इस्तेमाल बवासीर, श्वास रोग, अस्थमा, ट्यूमर और एलर्जी में किया जाता है ! अगर किसान काली हल्दी की खेती आधुनिक तकनीक (Modern technique of cultivation of black turmeric) से करें तो ज्यादा उत्पादन कर अच्छी कमाई कर सकते हैं !
उपयुक्त जलवायु
किसानों का इस बारे में कहना है कि काली हल्दी की खेती (Black Turmeric Farming) उष्ण और समषीतोष्ण जलवायु में की जाती है, लेकिन यह खुली धूप में भी अच्छी उगता है ! साथ ही वो बताते हैं कि इसके साथ ही खेती की परिस्थितियों के अनुसार अच्छा उगता है ! साथ ही ये पौधा लगभग 41 से 45 डिग्री सेंटीग्रेड तक तापमान सहन कर सकता है !
उपयुक्त मिट्टी
साथ ही इसको लेकर मिट्टी के बारे में बताते हुए किसान बताते हैं कि काली हल्दी (Black Turmeric) रेतीली-चिकनी और अम्लीय मिट्टी में अच्छी उगाई जा सकती है ! इसके अलावा वो बताते हैं कि बलुई मिट्टी भी उपयुक्त मानी जाती है ! बता दें कि चिकनी काली मुरूम मिश्रित मिट्टी में कंद बढ़ते नहीं हैं !
जमीन की तैयारी
जमीन की तैयारी के बारे में बात करते हुए किसान बताते हैं कि सबसे पहली जुताई गहरा हल चलाकर करनी चाहिए ! इसके बाद बारिश के पहले या जून के पहले हफ्ते में 2 से 3 बार जुताई करके मिट्टी भुरभुरी बना लें ! साथ ही इस बात का ध्यान रखें की खेत में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए ! इसके बाद खेत में 10 से 15 टन प्रति हेक्येटर की दर से गोबर की खाद मिलाएं !
बुवाई का तरीका
काली हल्दी की खेती (Black Turmeric Farming) की बुवाई के बारे में बात करते हुए किसान बताते हैं कि इसके लिए गांठ को सीधे ही जमीन में बो दिया जाता है ! आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक हेक्टेयर जमीन में लगभग 2.2 टन गांठों की जरूरत होती है !
फसल कटाई
वहीं काली हल्दी की फसल कटाई के लिए ये सफल किसान बताते हैं कि इसकी फसल कटाई काम जनवरी के बीच में किया जाता है ! साथ ही इस बात का भी ध्यान रहे कि फसल से जड़ें निकालते समय गांठों को ठीक से निकाला जाना चाहिए, क्योंकि अगर वह खराब होते हैं तो कंदों को नुकसान पहुंचता है !
पैदावार और लाभ
Agriculture Success Story of Black Turmeric Cultivation Farmers आखिर में किसान बताते हैं कि उपरोक्त तकनीक से काली हल्दी की खेती (Cultivation of black turmeric using the above technique) की जाए, तो एक एकड़ में ताजी गांठों की लगभग 50 टन पैदावार आसानी से की जा सकती है, जबकि सूखी गांठों की लगभग 10 टन पैदावार तक मिल सकती है ! इस हिसाब से अगर कच्ची हल्दी का दाम अगर 30 रुपए प्रति किलो हो तो 10 लाख की कमाई बड़े आराम से की जा सकती है !