UPSC Success Story Of IAS sweta Agrawal : मनपसंद रैंक के लिए तीन बार दी UPSC IAS की परीक्षा

UPSC Success Story Of IAS sweta Agrawal : आज हम आप को एक ऐसी सक्सेस स्टोरी बताने जा रहे है ! जिन्होंने अपनी मनपसंद रैंक लाने के Union Public Service Commission की कठिन परीक्षा को जब तक वे इस परीक्षा में भाग लेती रही ! जब तक उनकी पसंद की रैंक नहीं मिली ! उनका नाम है श्वेता अग्रवाल ने पढ़ाई के दौरान ही अपना गोल सेट करिया था की उन्हें Indian Administrative Service बनना है ! श्वेता तैयारी करना शुरू कर दिया था ! उनके माता पिता के समर्थन और कड़ी मेहनत से श्वेता ने UPSC  सिविल सेवा की परीक्षा को तीन बार लगातार पास की और 2015 में बनी UPSC Civil Service अधिकारी की संघर्ष की सक्सेस स्टोरी हम आज के आर्टिकल में बताने जा रहे है !

UPSC Success Story Of IAS sweta Agrawal : मनपसंद रैंक के लिए तीन बार दी UPSC IAS की परीक्षा

Success Story Of IAS sweta Agrawal मनपसंद रैंक के लिए तीन बार दी UPSC IAS की परीक्षा

मनपसंद रैंक के लिए तीन बार दी UPSC IAS की परीक्षा

श्वेता को कॉलेज से निकलने बाद में डेलॉइट में अच्छी नौकरी मिल गई थी ! लेकिन उनके मन में अफसर बनने का सपना था ! इस के बाद उन्होंने 2015 के Union Public Service Commission एग्जाम में 19वीं रैंक हासिल करने वाली श्वेता की सफलता की कहानी बेहद संघर्षों और चुनौतियों से होकर गुजरी है ! श्वेता का जन्म पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था ! उनके परिवार में कुल 28 लोग थे और पिता एक किराने की दुकान में काम करते थे! श्वेता के पैदा होते ही उन्हें भेदभाव झेलना पड़ा क्योंकि उनके दादा-दादी को बेटे की आस थी! लेकिन अच्छी बात ये थी कि श्वेता के माता-पिता को इस बात से फर्क नहीं पड़ता था और वे अपनी बेटी की परवरिश को लेकर भरोसेमंद थे !

श्वेता ने Indian Administrative Service सिविल सेवा परीक्षा में अपने पहले प्रयास 2011 में दिया था ! उस समय वह परीक्षा के लिए तैयार नहीं थी ! लेकिन उन्होंने माता पिता के समझने पर उन्होंने Union Public Service Commission की दी श्वेता जानती थी की वे इस साल वह परीक्षा पास नहीं कर पाएगी परन्तु उन्होंने यह भी जाना की परीक्षा को कड़ी मेहनत और एकाग्रत से पढ़ाने के बाद पास किया जा सकता है ! उन्होंने 2013 में पूरी तैयारी की Union Public Service Commission की परीक्षा दी और 497वीं रैंक को हासिल किया था ! उस असल श्वेता  का IRS के लिए चयन हुआ था ! श्वेता अपनी इस सफलता से खुश तो नहीं परन्तु संतुष्ट नहीं थी ! श्वेता Indian Administrative Serviceबनने की चाह में उन्होंने 2014 में रिफ एक बार परीक्ष दी और वे इस बाई उन्हें 141वीं रैंक के साथ में आईपीएस के लिए चुना गया था !

IAS स्वेता पर शादी का दबाव

किसी को पहले ही श्वेता का फैसला समझ नहीं आ रहा था ! उसके बाद घर आने और तैयारी शुरू करने के दौरान एक ऐसा दौर आया जब श्वेता मेंटली अनस्टेबल हो गयी थी ! और बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं कर पा रही थी ! ऐसे में परिवार से शादी का दबाव भी पड़ने लगा था ! क्योंकि उनके यहां लड़कियों की शादी बहुत छोटी उम्र में हो जाती थी ! श्वेता के पैरेंट्स जब उनके पास पहुंचे तो उन्होंने बस उनसे कुछ टाइम मांगा और कहा कि मुझे पता है कि यह परीक्षा कठिन है !पर मैं IAS बनने का सपना जरूर पूरा करूंगी !

श्वेता बताती हैं कि मुझे पता था कि शादी मैं 32 की उम्र में भी कर सकती हूं पर Union Public Service Commission नहीं दे सकती ! इसलिए शादी इंतजार कर लेगी, कैरियर नहीं! श्वेता ने अपने घर से दो घंटे की दूरी पर एक कमरा लिया और रहने लगीं ! यहां वे सारा काम भी खुद करती थी और पढ़ाई भी करती थी ! और सबसे बढ़कर लोगों की बातें सुनती थी कि घर से दो घंटे की दूरी पर रहकर न ये लड़की नौकरी कर रही है ! न कहीं आती-जाती है सारे दिन कमरे में बंद रहकर आखिर करती क्या है!श्वेता ने दो महीने कोचिंग लेकर वहां ! से भी असंतुष्ट होकर सेल्फ स्टडी करने की योजना बनाई और दिन-रात पढ़ाई में  करके अपने मुकाम हासिल किया है !

अपने परिवार से पहली ग्रेजुएट हैं श्वेता

श्वेता बताती हैं स्कूल से निकलने के बाद जब कॉलेज में एडमिशन लेने की बारी आई थी ! तो उनके चाचा ने उनसे कहा कि लड़की कितना भी पढ़ ले आखिर में तो उसे चौका बर्तन ही करना होता है! उनके परिवार में किसी ने इसके पहले ग्रैजुएशन नहीं किया था ! श्वेता पहली ऐसी थी जो आगे की पढ़ाई करने के लिए प्रतिबद्ध थी ! इसके बाद श्वेता ने कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज में एडमिशन लिया और वहां ! से न केवल अच्छे नंबरों से पास हुईं बल्कि कॉलेज के टॉप स्टूडेंट्स में भी उनका नाम आया है !

IAS श्वेता ने 2015 में बानी आईएएस अधिकारी

श्वेता ने IPS के पद को स्वीकार तो लिया था ! परन्तु मन में बचपन से Indian Administrative Service बनने का जो सपना था वो अभी भी जीवित था ! श्वेता ने 2015 में अपने एक आखिरी एटेम्पट को देने का फैसला किया ! और इस बार 19वीं रैंक हासिल कर Indian Administrative Service बन गई। यही नहीं श्वेता जगरवाल 2015 की वेस्ट बंगाल स्टेट टोपर भी रहीं !

Indian Administrative Service श्वेता की मेहनत, खुद पर विश्वास और इरादा इतना अटल था ! कि उन्होंने परिवार, समाज किसी की परवाह नहीं करी और केवल अपने दिल की सुनी! इसमें दोराय नहीं कि यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने बहुत-बहुत मेहनत की है ! और अपने टेबल पर लगी इन लाइंस को भी सच कर दिखाया कि भविष्य उन्हीं का होता है ! जो अपने सपनों की खूबसूरती पर विश्वास करते हैं !

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