Success Story of IAS Nirish Rajput दर्जी के बेटे ने नीरीश ने IAS अफसर बन ऐसे लिखी सफलता की कहानी : हर IAS और IPS अफसर अपनी-अपनी मेहनत और मुश्किलों को पार कर इस मुकाम तक पहुंचे हैं जो उन्होंने सोचा था। उन्होंने कभी इस बात की परवाह नहीं कि अगर अगर असफल हुए तो क्या होगा। अगर सलेक्ट नहीं हुए तो क्या होगा। हम गरीब है आगे कैसे बढ़ेंगे। माता-पिता के पास पैसे नहीं पढ़ाने के लिए। ये सब बातें उनके लिए कोई मायने नहीं रखती क्योंकि उनको पता है कि वो एक न एक दिन सफलता जरूर हासिल कर लेंगे अपनी मेहनत के चलते।
दर्जी के बेटे ने नीरीश ने IAS अफसर बन ऐसे लिखी सफलता की कहानी

दर्जी के बेटे ने नीरीश ने IAS अफसर बन ऐसे लिखी सफलता की कहानी
जी हां, ये वहीं लोगों हैं जो मेहनत करने से नहीं डरते। उनको पता है जो होगा देखा जाएगा लेकिन अपने सपने को सच कर दिखाना और अपने माता-पिता को गौरवांकित महसूस करवाना है। ऐसी ही एक कहानी नहीं नीरीश राजपूत की भी। जिनके पिता वीरेन्द्र राजपूत एक दर्जी हैं। मध्य प्रदेश के भिंड जिले के रहने वाले नीरीश राजपूत ने बेहद कठिन Civil Services Examination में पास होने के लिए सभी मुश्किलों को पार किया और साबित किया कि गरीबी सफलता के लिए बाधा नहीं बन सकती।
तीन बार विफल होने के बाद चौथी बार सफल हुए नीरीश
ऐसे नहीं नीरीश को पहली ही बार में सफलता मिली। इससे पहले नीरीश Union Public Service Commission Civil Services Examination के पिछले तीन प्रयासों में वे विफल रहे थे, लेकिन फिर भी नीरीश ने कभी हार नहीं मानी। चौथे प्रयास में वे 370वीं रैंक के साथ पास हुए। नीरीश गोहाड तहसील के मऊ गांव में 300 वर्ग फीट के घर में रहते थे। सिविल सेवक बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अखबार डालने जैसे कई प्रकार के काम भी किए।
Success Story of IAS Nirish Rajput : गरीबी कभी सफलता के बीच नहीं आती
एक इंटरव्यू के दौरान नीरीश बताते हैं कि उन्हें तो पता भी नहीं था कि एक IAS Officer कैसे बना जा सकता है। उसके लिए कौन सी पढ़ाई करनी पड़ती है, लेकिन उनको ये जरूर पता था कि देश के शीर्ष परीक्षा में सफल होने के बाद हीं वे अपना भाग्य बदल सकते हैं। साथ ही उन्हें विश्वास था कि अगर कोई दृढ़ संकल्पी हो और कड़ी मेहनत करने को तैयार हो तो उनकी गरीबी उसकी सफलता की राह में बाधा नहीं हो सकती।
IAS Topper Nirish Rajput ने IAS अफसर बन ऐसे लिखी सफलता की कहानी
Indian Administrative Service नीरीश बताते हैं कि वे सरकारी स्कूल और फिर ग्वालियर के औसत दर्जे के कॉलेज से पढ़े हैं। उनके दो बड़े भाई जो अनुबंध शिक्षक हैं। नीरीश के सपने को साकार करने के लिए अपनी अधिकांश जमापूंजी, ऊर्जा और हिम्मत नीरीश को सौंप दी। उन्होंने इस मिथक को भी तोड़ा कि पब्लिक स्कूल के छात्र ही इन परीक्षाओं में अच्छा कर सकते हैं। वो हमेशा अपने जैसे लोगों और छात्रों को कभी हौसला और हार न मानने की सलाह देते हैं। वो हमेशा यही करते हैं कि गरीबी बस तन से होती है मन से नहीं। सफलता किसी में भेद नहीं करती।
IAS Success Story : इंजीनियर से UPSC टॉपर तक ऐसे तय किया अफसर बनने का सफर