ताश में 52 पत्ते ही क्यों होते है कम या ज्यादा क्यों नहीं | GK In Hindi General Knowledge

GK In Hindi General Knowledge ताश में 52 पत्ते ही क्यों होते है कम या ज्यादा क्यों नहीं : आपने देखा होगा गांव-देहात या शहर या कोई गली कूचे में जब भी लोग खाली होते हैं तो ताश खेलते हुए नजर आ ही जाते हैं। लोग इस खेल को बेहद चाव के साथ खेलते हैं। इसके अलावा ताश का खेल अब मोबाइल फोन में भी खेला जा सकता है। खाली समय में लोगों इसकी को खेलना पसंद करते हैं, लेकिन जिस खेल को आप खेल रहे हैं उसके बारे में आपको कोई जानकारी हैं। जैसे- ताश में 52 पत्ते ही क्यों होते हैं। न एक कम न एक ज्यादा। आखिर ऐसा क्यों होता है। नहीं पता तो चलिए हम आपको बताते हैं कि ताश में 52 पत्ते क्यों होते हैं।

ताश में 52 पत्ते ही क्यों होते है कम या ज्यादा क्यों नहीं | GK In Hindi

ताश में 52 पत्ते ही क्यों होते है कम या ज्यादा क्यों नहीं GK In Hindi

ताश में 52 पत्ते ही क्यों होते है कम या ज्यादा क्यों नहीं GK In Hindi

दरअसल, ऐसा माना जाता है कि 1 साल के अंदर 52 सप्ताह होते हैं और 4 ऋतुएं। बस इस आधार पर ताश के पत्तों को बनाया गया है। वहीं 52 सप्ताह को अगर 4 भागों में बांटा जाए तो एक भाग में 13 दिन आएंगे। साथ ही भारतीय मान्यता के अनुसार एक भाग में धर्म, दूसरे में अर्थ, तीसरे में काम और चौथे में मोक्ष भी माना जाता है। इनको आप इस तरह भी देख सकते हैं। जैसे- 3 बड़े कार्ड Jack Queen King=3 हर ऋतु के 3 महीने। इसके बाग 4 सूट्स- चिड़ी, ईंट, पान और हुकुम = 4 ऋतु यानी कि सर्दी, गर्मी, पतझड़, बसंत। इसके अलावा हर एक सूट में 13 कार्ड्स होते हैं।

General Knowledge about 52 cards in card

वहीं हिंदू पंचांग के अनुसार 13वां दिन त्रयोदशी का होता है ये दिन देवाधिदेव भगवान शिव को समर्पित होता है। इसी दिन महाशिवरात्रि भी आती है। प्रदोष का व्रत भी इस दिन रखा जाता है। इसको आप इस तरह से भी देख सकते हैं जैसे- ताश के पत्तों के चार प्रकार होते हैं। 1.पान, 2.चिड़ी, 3.ईंट और 4.हुकुम। आखिर में एक पांचवां प्रकार भी होता है जिसे जोकर कहते हैं। जिंदगी के चार रंग- पहला बादशाह, दूसरा बेगम, तीसरा इक्का और चौथा गुलाम। ये जिंदगी के 4 रंग हैं। अगर गुलाम को 11, बेगम को 12, बादशाह को 13 और जोकर को 1 माना जाए तो अंकित चिह्नों का योग 365 के बराबर होता है।

ताश के पत्ते बनाते हैं एक साल GK In Hindi

GK in Hindi General Knowledge इसके साथ ही जब हम ताश के गड्डी के हर एक पत्ते पर बने चित्र का योग करें तो हमें 364 का एक आंकड़ा मिलता है, लेकिन जब हम इस सब को साथ जोकर के 1.25 के मान को जोड़ते हैं तो हमें सभी चित्रों का योग 365.25 के बराबर मिलता है, जो सही मायने में हमारे कैलेंडर में एक पूरा साल बनता है। दिनों को मिला कर। इतना ही नहीं इसमें एक से दस तक के पत्ते पर बना नंबर भी किसी ना किसी बात का संकेत देता है जो इस प्रकार होती हैं। जैसे-

ताश के पत्तों पर पड़े ये नबंर भी कहते हैं कुछ

1). इक्का = इच्छा
2). दुक्की = एकता
3). तिक्की = विश्वास
4). चौका = संतुष्टि
5). पंजा = बदलाव
6). छग्गी = समन्वय
7). सत्ता = विजय
8). अट्ठा = शक्ति
9). नहला = नई शुरुआत
10). दहला = सफलता

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